बथुआ का भरवां पराठा भारतीय व्यंजनों में एक खास स्थान रखता है, खासकर उत्तर भारत में इसकी लोकप्रियता बहुत अधिक है। यह पारंपरिक पराठा न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। हरे रंग का यह पराठा अपने पौष्टिक तत्वों और अनोखे स्वाद के कारण परिवार में खास माना जाता है, और यह अक्सर त्योहारों या पारंपरिक उत्सवों के दौरान बनाया जाता है।
इस व्यंजन में मुख्य रूप से बथुआ के पत्ते का उपयोग किया जाता है, जो विटामिन A, C, और आयरन का अच्छा स्रोत हैं। इसके अलावा, गेहूं का आटा पराठे की बेसिक सामग्री है, जो फाइबर युक्त और पेट भरने वाला होता है। मसाले और हर्ब्स जैसे हरी मिर्च, हरा धनिया, और अदरक का प्रयोग इसे और भी जायकेदार बनाता है। बथुआ के साथ मिलाकर इसे मसालेदार बनाने से यह पौष्टिकता के साथ-साथ स्वाद में भी उत्कृष्ट होता है।
बथुआ का भरवां पराठा बनाने का तरीका सरल है। पहले बथुआ के पत्तों को धोकर बारीक काट लिया जाता है, फिर मसाले और आटे के साथ मिलाकर भरावन तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को गेहूं के आटे के गोले में भरकर बेल लिया जाता है। तवे पर मध्यम आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक सेक लिया जाता है। पराठे को मक्खन या घी के साथ परोसना सबसे अच्छा रहता है।
यह पराठा नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने में परोसा जा सकता है। आप इसे दही, अचार या हरी चटनी के साथ परोस सकते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में इसे विभिन्न तरीकों से भी बनाया जाता है, जैसे कि मसाले कम या ज्यादा डालना।
बथुआ का भरवां पराठा स्वास्थ्य और स्वाद का बेहतरीन संयोजन है। इसकी पौष्टिकता और सरलता इसे हर घर में बनाना आसान बनाती है। यदि आप कुछ नया और सेहतमंद ट्राय करना चाहते हैं, तो यह पराठा आपके दैनिक व्यंजन में जरूर शामिल करें। यह नुस्खा अपने अनोखे स्वाद और पारंपरिक स्वभाव के कारण हर रसोई घर का लोकप्रिय हिस्सा बन सकता है।